विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
हम मास्टर और सभी के समक्ष नृत्यों की एक श्रृंखला प्रस्तुत करना चाहेंगे। पहले नृत्य को दाओवाडुएंग नृत्य कहा जाता है। यह नृत्य स्वर्ग के स्वर्गदूतों से जुड़ा हुआ है। स्वर्ग के इस स्तर को दाओवाडुएंग कहा जाता है। इस गीत के शब्दों सभी स्वर्गदूतों की सुंदरता और खुशी का वर्णन करते हैं। दूसरे नृत्य को लोपबुरी नृत्य कहा जाता है। यह एक प्राचीन नृत्य लोपबुरी कहे जाता समय का है। यह नृत्य लोपबुरी समय की बुद्ध की मूर्तियों की कुछ मुद्राओं की नकल था। यह बहुत ही सुन्दर नृत्यों में से एक पहचाना गया है। Photo Caption: सभी को प्रेम का एहसास करायें