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“ क्या यह चेतना के लिए इतना मुश्किल है खुद को धाराओं के उस स्रोत तक ले जाना जो अनंत हैं? ... अपनी आत्मा को कहने दो, 'प्रभु का ज्ञान शक्ति है दूर के संसारों का। अनंत की आग और दुनिया की माँ के सितारे का विकिरण हमें भेज रहे हैं हमारे होने की पुष्टि!'"