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स्रोत की ओर वापस भीतरी मार्ग: दादू दयाल (शाकाहारी) से कुछ अंश : करुणामयी रहस्यवादी, दो भाग शृंखला का भाग २

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“घर का गुरु सोते हुए अपने समान को नहीं बचा सकते। चोर उसके घर को घेर लेते हैं और इसे लूट लेते हैं। पास में कोई रखवाली के लिए नहीं है, सामान चोरी हो गए हैं। आप क्या करोगे, मुझे बताओ, सामान चले जाने के बाद उठने पर? बिताई हुई रात वापस नहीं आती। फिर आप क्या करेंगे, मेरे दोस्त?"