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जैन धर्म के पवित्र धर्मग्रंथ ‘उत्तराध्यायन' से - प्रवचन 20, 2 का भाग 1

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"हे राजा, आप( शब्दों) का अर्थ और उत्पत्ति नहीं जानते 'बिना सुरक्षा के’, न ही जानते हैं कि कोई कैसे सुरक्षा के बिना या सुरक्षा के साथ हो सकता है, हे मानवों के शासक।”
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