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मानवता के विनाशकारी तरीके छठे सामूहिक विलुप्त होने का कारण बन रहे हैं

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विश्व वन्यजीव कोष द्वारा किए गए जैव विविधता अनुसंधान के अनुसार, "केवल 50 वर्षों में पृथ्वी के 60% वन्यजीवों का सफाया हो गया है। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो हमारी प्रजातियों सहित अनगिनत प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में है।”